साहब… 10 हजार में कैसे चलेगा घर शिक्षामित्रों ने शिक्षकों के बराबर मांगा वेतन, सरकार की सभी योजनाओं में देते हैं बराबर का योगदान

By Ravi Singh

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साहब... 10 हजार में कैसे चलेगा घर शिक्षामित्रों

साहब… 10 हजार में कैसे चलेगा घर शिक्षामित्रों ने शिक्षकों के बराबर मांगा वेतन, सरकार की सभी योजनाओं में देते हैं बराबर का योगदान

ग्रेटर नोएडा। जनपद में जब शिक्षा shiksha पटरी से उतरने लगी तब 2001 में गांव व शहर में रहने वाले टॉपर को परिषदीय स्कूलों school में शिक्षामित्र shikshamitra के रूप में तैनाती दी गई। उनकी मेहनत से परिषदीय स्कूलों school में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने लगी।

अब शिक्षामित्रों की मांग है कि उन्हें भी सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। शिक्षामित्रों ने बताया कि सरकार government की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाओं yojnaon में वह बराबर का योगदान देते हैं। उसके बाद भी उनके साथ भेदभाव हो रहा है। शिक्षकों teacher की तरह ही उनके पास भी योग्यता है। उनके बराबर ही वेतन मिलना चाहिए।उन्होंने बताया कि कामगार भी 10 हजार से अधिक कमा लेते हैं।

लेकिन, जो देश Desh के भविष्य को तैयार कर रहे हैं। उन्हें केवल 10 हजार रुपये मानदेय mandey मिल रहा है। मानदेय भी समय से नहीं मिलता है। समय काफी बदल गया है। प्रत्येक वस्तु के दाम में बढ़ोतरी हो गई है। इसलिए अब 10 हजार में घर चलाना नहीं हो पा रहा है। न्यूनतम मजदूरी भी 10 हजार रुपये से काफी अधिक है। प्राथमिक शिक्षक संघ teacher sangh के मंडल अध्यक्ष मेघराज भाटी ने कहा कि जब एक देश, एक संविधान, एक चुनाव की बात होती है। तो एक शिक्षक एक वेतन की बात होनी चाहिए। शिक्षामित्र भी बराबर शिक्षकों teacher की भांति कार्य कर रहे हैं। उन्हें भी वेतन शिक्षकों के बराबर मिलना चाहिए।

साहब... 10 हजार में कैसे चलेगा घर शिक्षामित्रों
साहब… 10 हजार में कैसे चलेगा घर शिक्षामित्रों

 

कई शिक्षामित्र shikshamitra सभी योग्यता को पूरा कर रहे हैं। उसके बाद भी उन्हें मौका नहीं मिल रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ teacher sangh अध्यक्ष प्रवीन शर्मा ने बताया कि कई बार कमेटी बनी, लेकिन अभी तक शिक्षामित्रों shikshamitro के साथ न्याय नहीं हो पाया। शिक्षामित्रों ने बताया कि सरकार से मांग की गई है कि 14 आकस्मिक अवकाश मिले। इसके साथ ही शिक्षामित्रों shikshamitro का भी समायोजन हो। उन्हें भी चिकित्सा अवकाश Holiday की मांग की गई है। मूल जिलों District में उनकी वापसी हो।

शिक्षामित्र shikshamitra भी बीमार होते हैं। उन्हें भी चिकित्सा अवकाश मिलना चाहिए। इसके साथ ही आकस्मिक अवकाश भी 14 होने चाहिए। कालू राम

शिक्षामित्रों shikshamitro के पास 10 हजार रुपये में कैसे चल रहे हैं। जिम्मेदारों को इसके बारे में सोचना चाहिए।

प्राथमिक शिक्षामित्र संघ teacher sangh अध्यक्ष जगवीर भाटी ने बताया कि जब एक देश, एक संविधान, एक चुनाव की बात होती है। तो एक शिक्षक एक वेतन की बात होनी चाहिए। शिक्षामित्र shikshamitra भी बराबर शिक्षकों teacher की भांति कार्य कर रहे हैं। उन्हें भी वेतन शिक्षकों के बराबर मिलना चाहिए।

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